तेरा यूं छोड़ के जाना — गजल /गीतिका
तेरा यूं छोड़ के जाना हमें तो रास ना आया।
साथ में चल रहे थे हम ,समय क्या मोड़ है लाया।
तनहाई में जीता हूं गमों के घूंट पीता हूं।
लौट के आ मेरे साथी, तेरे बिन कुछ नहीं भाया।।
याद दिन रात आती है, आंखों में रात जाती है।
ढूंढती है निगाहें तो नजर तू ना नजर आया।।
वेदना सह नहीं पाऊं, कैसे तो तुझको मैं पाऊं।
मिन्नतें कर रहा हूं मैं, आस विश्वास जगाया।।
एक फिर हम हो जाएंगे, साथ में वक्त बिताएंगे।
भरोसा तोड़ ना देना, जो मैंने तुझ पे जताया।।
राजेश व्यास अनुनय