तेरा जादू मोदी
तेरा जादू मोदी बड़ा हो गया l
यहां पर बखेड़ा खड़ा हो गया ll
भरे नोट बोरी में सड़ते यहां l
तिजोरी का ताला खुला हो गया ll
जहां हम रहे आज भी हम वही l
उदासी क ऊंचा बसर हो गया ll
उड़ते सितम गर धरा पर गिरे l
उड़ानों पे डर का कहर हो गया ll
सुना है कि अब नींद आती नहीं l
दवा का भी कमतर असर हो गया ll
सभी हैं यहां अब तेरे साथ में l
निराशा में आशा क हां हो गया ll
नहीं कोई अब तेरे जैसा यहां l
“सलिल” मान क्या ना तेरा हो गया ll
संजय सिंह “सलिल”
प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश l