तेरा आँचल दिखाई दे
तुम्हारा प्यार की ताकत मुझे हर पल दिखाई दे
दिया था हाथ ने अंगुली को जो सम्बल दिखाई दे
बचाने को बुरी नजरों से जो तुमने दिया तोहफा
अभी तक आँख की कोरों में वो काजल दिखाई दे
सुलाकर के लिटा देती थी जिसकी गोद में अक्सर
मुझे उस पालने की डोर में हलचल दिखाई दे
मैं गुमसुम बैठा तनहा जब भी तुमको याद करता हूँ
मुझे हिलती हुई दरवाजे की सांकल दिखाई दे
मैं थक जाता हूँ कोसों मील तक चलकर के जब पैदल
घने पेड़ों की छाँव में तेरा आँचल दिखाई दे
तेरा स्पर्श न पाकर खुलें जब रात को आँखें
तुम्हारी लोरियों को खोजता कम्बल दिखाई दे
तुम्हारी खुशबू मेरे जिस्म में यूँ बस गयी है माँ
झुलसता ठूंठ इस दुनिया को अब संदल दिखाई दे
बिछड़ते वक़्त जब रोई थी मेरे वास्ते छुपकर
तुम्हारी आँख का आंसू भी गंगाजल दिखाई दे
समझ लेना की सिर से माँ का साया उठ गया उसके
भटकता राह में जब भी कोई पागल दिखाई दे