तेजस्वी
तेजस्वी
तेजस्वी का तेज उसे सदा निखारता,
निरर्थक बातों का वह बखान नहीं करता ।
प्रखर बुद्धि उसे शिखर पर पहुंँचाती,
झूठी बातों का वह दंभ नहीं भरता।
कृत्रिमता उसे छूकर भी नहीं जाती,
प्राकृतिक सौंदर्य चेहरे पर झलकता।
सद्गुणों की वह खान होता,
परोपकार जीवन का ध्येय होता।
मानव सेवा उसकी तपस्या होती,
प्रचंड तेज मुख मस्तक पर झलकता।
नीरजा शर्मा