तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
तू मुझे इस कदर चाहेगी
मुझे मालूम न था
जाकर लौट आएगी एक दिन
मुझे मालूम न था
समझा था तुझे बेवफ़ा
तू वफ़ा की पूरी किताब निकली
मेरे ही इश्क़ के रंग में
तू रंग जाएगी, मुझे मालूम न था
मुझे मालूम है, मेरे पास तेरे आने से
जलेंगे जलने वाले
पर तू मुहब्बत की हर दास्ताँ
जीत जाएगी, मुझे मालूम न था
तेरे दिए फूल को, दिल से लगा
अब भी रखा हूँ सँभाल कर
तू सच में एक दिन लौट आएगी
मुझे मालूम न था…