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15 Jan 2019 · 1 min read

तू रोज सपनों में आकर नहीं रुलाया कर

तू रोज सपनों में आकर नहीं रुलाया कर
यूँ आंसुओं से मेरी नींद मत सजाया कर

बहार है मेरे जीवन में तेरे आने से
बिछड़ के मुझको खिजाँ से नहीं मिलाया कर

गवाह प्यार के अपने ये चाँद तारे हैं
इन्हीं से बात जरा करके गम भुलाया कर

न कटते दिन न ये रातें मेरी बिना तेरे
तू याद बनके मेरे दिल पे यूँ न छाया कर

मैं गज़लों गीतों में जज़्बात अपने कहती हूँ
तू दिल की बात मेरी यूँ समझ भी जाया कर

तू प्यार है मेरा,मैं ‘अर्चना’ करूँ तेरी
पकड़ के हाथ मेरा साथ तू निभाया कर

13-01-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 1 Comment · 278 Views
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