तू मेरे मन मधुबन बन जा
मेरे प्रियतम तू मेरे मन मधुबन बन जा
भीगती रहूँ मैं तू ऐसा सावन बन जा
आ बसा लू तुझे अपनी साँसो में
मेरे दिल की तू धड़कन बन जा
तू मेरे साजन मेरे दिलवर मेरी जान है
आ मेरी चुडियोँ की खन-खन बन जा
तू ही मेरी दुनिया बस तुम्हें ही चाहा
आ मेरी पायल की छन-छन बन जा
तू मेरे लिये रब है ,मै तेरी पूजारिन हूँ
सतरंगी सपने सजाऊँ तूअन्तर्मन बन जा
कवि :दुष्यंत कुमार पटेल”चित्रांश”