तू मेरा यार सही
डरते थे कहीं दोस्ती न टूट जाए
जो कह देते तुमसे दिल की बात
बरसों बीत गए है आज लेकिन
नहीं कह पाए, तुमसे दिल की बात।।
है डर अभी भी तुम्हें खोने का
तुम से जुदा हो जाने का
अब कैसे कह दूं मैं हाल तुमसे
मेरे इस दिल दीवाने का।।
तूने समझा नहीं और
मैं भी कह पाया नहीं
इन्तज़ार था मुझे जिसका
वो जीवन में आया नहीं।।
खुश हूं तुम्हें सामने देखकर
कभी कभी ही सही
ज़िंदगी में पहलेवाली वो बात
अब कहां है रही।।
जब मिलते थे रोज़ तुम
कॉलेज बस में मुझे
दिन मेरा कट जाता था
बस देखकर ही तुझे।।
जब भी बातें करते थे मुझसे
ढूंढता था उनमें प्यार कहीं
फिर मना लेता था खुद को, प्यार न सही
हमेशा रहे तू मेरा यार सही।।
दिल चाहता था हम कदम बने हम
डर ये था कहीं छूट न जाओ तुम
इसलिए ही तुमसे दिल की बात कही नहीं
करते है तुम्हें आज भी बहुत प्यार हम।।