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4 May 2017 · 1 min read

तू मुझमे है मैतुझमे हूं

प्रथम मिलन की बेला मे
कुछ ऐसा अपनापन सा था
कुछ नजर नजर की चाहत थी
कुछ बेबस दिल की धड़कन थी

कुछ पल अपने साथ मे थे
कुछ सॉसों के एहसास मे थे
वो हंसी शमा वो प्यारी अदा
वो नजरो से नजरो की छटा

क्यू पागल मन यू बेकल हुआ
क्यू बॉकपन से घायल हुआ
दिल ने खुद से यू धोखा दिया
मेरा होकर मेरा न रहा

बरबस ही तेरी ओर बढ़ा
बेबस सा रहा बेचैन रहा
मुहब्बत का पैगाम मिला
तेरी चाहत का फरमान मिला

दिल का दिल से गठजोड़ हुआ
झंक्रत मन चहुं ओर हुआ
पागल मन मयूर हुआ
कुछ ऐसे नशे मे चूर हुआ
तू मुझमे है मैतुझमे हूं
हर पल यही संदेश मिला
बस यही संदेश मिला

Language: Hindi
368 Views

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