Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Nov 2018 · 1 min read

तू बना रह निडर

तू बना रह निडर, सत्य हो जिधर जिधर
कंप-कँपाते पैर से, डगमगाती बेंत से
इस अंधेरी रात में, सूर्योन्मुखी हो नजर
उठ खड़ा हो चल उधर, सत्य हो जिधर-जिधर

क्या हुआ जो झूठ के, हैं घने बादल अभी
और आँधी सत्य की है, छुपी हुई कहीं
सूंघ कर एक श्वास में, रुख हवा की ओर कर
उठ खड़ा हो चल उधर, सत्य हो जिधर-जिधर

हौसले करलो सुदृढ़, राह है खुली हुई
अनवरत चलते रहो, साँझ हो भले अभी
झींगुरों के गीत में, पूरा हो अपना सफर
उठ खड़ा हो चल उधर, सत्य हो जिधर-जिधर

प्रेरणा देती हमें, कूकती कोयल सदा
हो विपत्ति राह, में मीठा बोलना सदा
माँ की आशाए न टूटे, बचपनों को याद कर
उठ खड़ा हो चल उधर, सत्य हो जिधर-जिधर

अंतस्थ पवित्र हो तेरा, हृदय में स्वाभिमान हो
वीरता के कार्य कर, रिम-झिम गुणो के गान हो
ज़िंदगी मे ऐसे लड़, कि देश को गुमान हो
मातृभूमि को तेरे हर, कर्म पर अभिमान हो

तू बना रह निडर, सत्य हो जिधर जिधर
कंप-कँपाते पैर से, डगमगाती बेंत से
उठ खड़ा हो चल उधर सत्य हो जिधर-जिधर

सत्येन्द्र कुमार
खैरथल, जिला-अलवर, राजस्थान

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 560 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
ग़ज़ल(ज़िंदगी लगती ग़ज़ल सी प्यार में)
ग़ज़ल(ज़िंदगी लगती ग़ज़ल सी प्यार में)
डॉक्टर रागिनी
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
खुद गुम हो गया हूँ मैं तुम्हे ढूँढते-ढूँढते
VINOD CHAUHAN
due to some reason or  excuses we keep busy in our life but
due to some reason or excuses we keep busy in our life but
पूर्वार्थ
जिंदगी
जिंदगी
sushil sarna
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
झिटकू-मिटकी
झिटकू-मिटकी
Dr. Kishan tandon kranti
कोई अवतार ना आएगा
कोई अवतार ना आएगा
Mahesh Ojha
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
प्रेम हैं अनन्त उनमें
प्रेम हैं अनन्त उनमें
The_dk_poetry
र
*प्रणय*
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
जखने कथा, कविता ,संस्मरण इत्यादि अपन मुख्य धारा सँ हटि पुर्व
DrLakshman Jha Parimal
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
TAMANNA BILASPURI
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
तुम्हें अहसास है कितना तुम्हे दिल चाहता है पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
Anamika Tiwari 'annpurna '
शब्दों का झंझावत🙏
शब्दों का झंझावत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
याद हम बनके
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
हम क्यूं लिखें
हम क्यूं लिखें
Lovi Mishra
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
Loading...