तू न रोना
“तू न रोना मैं तुझे ढेरों खुशी देता हूँ .
तेरे बास्ते अपनी जिंदगी भी देता हूँ.
छोड़े जाता हूँ तेरी महफिल को,
मैं तुझे अपनी कमी भी देता हूँ
तू जो चाहे तो इसे खतम कर दे
अपनी यादो’ की फुलझड़ी देता हूँ
मैं तन्हा रह लूँगा मगर तुम्हें जानम
अपने साये की रहबरी देता हूँ
तुझे भायी नहीं दिल्लगी मेरी,
मैं तुझे दिल की लगी भी देता हूँ.
बुझा सकना तो इसे बुझा देना
प्यासी आंखों को रोशनी देता हूँ
“दिल का कहना है ये रूह फना होने तक
मेरे दुश्मन मैं तुझे दोस्ती भी देता हूँ