तू ना कभी घबराना.
कल कल करती तुफानो मे…
तूफ़ानों से घबराकर नाविक पथ से ना डिग जाना
लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना.
चाहे हो आंधी की बयार, चाहे हो तूफ़ानी वार
चाहे हो अग्नि की मार, चाहे हो काँटों की धार
तू ना कभी घबराना.
लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना.
सच और साहस को अपना शस्त्र बनाकर
दियें आशाओं के नयनों में जलाकर
आत्मविश्वास को हृदय में बसाकर
हर विषमता में धैर्य को अपनाकर
तू ना कहीं रुक जाना.
लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना.
आंधी जो आये तो तू , बन पर्वत टकरा जाना
सागर जो आये तो, बन कश्ती तू अड़ जाना
काँटों के पथ को राही, फूल समझ बढ़ते जाना
अंधियारी राहों में तू, बन दीपक जलते जाना
तू ना कहीं बुझ जाना.
लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना.
पूर्वा भी आएगी, मस्ती भी छाएगी
तेरे ख्वाबों को पूरा करने, मंजिल तुझे बुलाएगी
तेरे साहस और हिम्मत से, सब सपने सच हो जायेंगें
जमीं, आसमां और फिज़ा, तेरी जीत का जश्न मनायेंगें.
तू बस जीत का गीत सुनाना
लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना.
थक जाये कदम जो तेरे
बस तू बहते जाना
बस तू बहते जाना
दिनेश गुप्ता