तू जो लुटाये मुझपे वफ़ा
तू जो लुटाये मुझपे वफ़ा
मैं भी न करूँ तुझसे ख़ता
हो न तुझे फिर चाहे यक़ीं
मैं न करूँगा तुझसे दग़ा
महावीर उत्तरांचली
तू जो लुटाये मुझपे वफ़ा
मैं भी न करूँ तुझसे ख़ता
हो न तुझे फिर चाहे यक़ीं
मैं न करूँगा तुझसे दग़ा
महावीर उत्तरांचली