तू जो कह दे
तू जो कहे लिख दूँ अपने सारे जज्बात,
कह दूँ अपने मन में दबी हुई सारी बात,
अपने एहसासों को शब्दों का जामा पहनाऊँ,
तू जो कहे लिख दूँ तुझसे जुड़ी जीवन की सौगात।
तेरे होने भर से मैं मुकम्मल खुद को पाऊँ।
अपनी हर कल्पना में तेरे संग हर लम्हा बिताऊँ,
तू जो कहे तेरे नाम का शृंगार करूँ सदा मैं,
अपने अरमानों का पंख लगा तेरे संग उड़ जाऊँ।
तू जो कहे तेरे लिए सर्दी की गुनगुनाती धूप बनूँ,
पुरवा हवा का झोंका बन मैं तेरे लिए उड़ती फिरूँ,
बरसात की रिमझिम फुहार बनूँ सदा ही मैं
तेरे लिए हर मौसम के अनुरूप मैं सदा ही ढलूँ।
मेरी हर साँस पर सदा ही तेरा नाम रहे,
तू समझ ले हमको एक शब्द बिना कहे,
तू जो कहे हर धड़कन पर तुझे मैं लिख दूँ,
मेरे लिए तूने न जाने कितने दर्द ही सहे।