-: तू जारी रख अपना सफऱ :-
नन्हे नन्हे कदमों से ,
बढ़ता चला जा धीरे धीरे
विजय होगी तेरी एक दिन
तू जारी रख अपने सफऱ
तू जारी रख अपना सफऱ
पथ ये पथरीला है ,
पत्थर से चोंटे खाओगे
मतलब के झूठे जग में ,
झूठे वादे पाओगे,
दुनिया तो भरेगी जहर
तू जारी रख अपना सफऱ
तू जारी रख अपना सफऱ
कांटों का है ये शहर
किसको है किसकी खबर
अग्निपथ पर बढ़ता चला जा
मुश्किलों से लड़ता चला जा
जीत की उठेगी लहर
तू जारी रख अपना सफऱ
तू जारी रख अपना सफऱ
– पर्वत सिंह राजपूत “अधिराज”
ग्राम सतपोन ,सीहोर मध्यप्रदेश