~~ तू चार दिन , बस याद आएगा ~~
धन दौलत की गिनती तेरे हाथ में,
हर सांस की गिनती उस के हाथ में
धन इतना आज बढ़ गया
वो कहता देख साँसे इतनी घाट गयी
धन के साथ नहीं, साँसों के साथ चल
हर सांस में उस का नाम जप
उस का नाम ही तेरे काम आएगा
धन का क्या वो तो यही रह जाएगा
हो जायेंगे बटवारे तेरे जीते जी
माल खजाने लूट जायेंगे जीते जी
मेरा तेरा करता रह जाएगा
हर सां में उस का नाम जप
वो नाम ही तेरे काम आएगा
खरीद न सकेगा कफ़न भी तू
कफ़न भी कोई और लाएगा
उतार के तेरे सारे कपडे
बस नंगा ही तो जलाया जाएगा
सींच ले वो पौधा अब भी वकत है
नहीं तो वकत हाथ से निकल जाएगा
तेरी हर सांस है उस की कर्जदार
उस के नाम से ही कर्ज तू चुकाएगा
चार दिन आएगी याद तेरी
उस के बाद न तू याद आएगा
उस के बाद कोई नहीं तुझ को
अपनी खुशिओं के आगे
नतमस्तक कभी झुकाएगा
जा, झुका ले उस के आगे सर अपना
जो तुझ को उस धाम ले जाएगा
अब भी वक्त है तेरे हाथ
उस का नाम ही तेरे काम आएगा..
अजीत कुमार तलवार
मेरठ