तू क्या है?
तू क्या है? ए तू ही जाने ,,
तेरा मन दर्पण ही जाने ,,
दूजे के भला बुरा कहने से,,
क्यों हर्ष-विषाद करें.?
दूसरे का कहना न मान,,
तू क्या है? यह खुद पहचान,,
पहले मन दर्पण में झांक ,,
फिर तू अपने आप को आंक,,
दूसरे को कभी बुरा न बोल,,
पहले अपने आप को तोल,,
रीता यादव