तू अब भी शांत दरिया है मेरे ख्यालों में बहने देना
बात आधी ही रखना आधी रहने देना
फिर मिलने का इक बहाना रहने देना।
हाथ चाहे थाम कुछ देर तक टहल लेना
मंज़िल को एक साथ छूने की चाहत अभी रहने देना।
गले मिल कर एक दुसरे के कंधे जो भिगोये थे हमने
सबब आंसुओं का था या पसीने का, ये सवाल रहने देना।
वो लम्हे अब भी तनहा हैं जब हम साथ थे पर पास ना थे
उन लम्हों के जज़्बात समझने की कोशिश अब रहने देना।
तुम्हारी किताब में मेरी बरसों पुरानी मुस्कुराती तस्वीर
आँखों में बिना आंसू लाये देखना मुस्कराहट रहने देना।
सफर अभी पूरा कहाँ हुआ, अभी मंज़िल बाकी है
उम्मीद है क्यूंकि सांस है अभी, छोड़ने का ख्याल अभी रहने देना।
सवाल अब भी वोही हैं मेरे ज़हन में कंकड़ जैसे
तू अब भी शांत दरिया है मेरे ख्यालों में बहने देना।