तू अब खुद से प्यार कर
मत कर मोहब्बत तू यहाँ किसी से, तू अब खुद से प्यार कर।
मतलब के रिश्तें हैं सभी, तू सिर्फ अपना ख्याल कर।।
मत कर मोहब्बत यहाँ ——————–।।
जब था तू आबाद तो सबने, तुझसे जी भर प्यार किया।
हरपल तुम्हारे साथ रहें और, सबने तेरा सम्मान किया।।
आज तू है जब मुफलिसी में, हो गये तुमसे सब दरकिनार।
मत कर मोहब्बत यहाँ———————।।
आज क्यों रूठे हैं अपने, क्या उनको तेरी जरूरत नहीं।
तू करता है जैसी मोहब्बत, ऐसी क्या उनकी हसरत नहीं।।
करते नहीं जब वो याद तुमको, तू भी उनको मत याद कर।
मत कर मोहब्बत यहाँ ———————–।।
जिसको तुमने सच्चा प्यार दिया, समझा नहीं उसने तुमको।
खेला तुम्हारे जज्बात से वो, ठुकरा दिया उसने तुमको।।
उसको नहीं है मतलब तुमसे, तू भी उसका मत लियाज कर।
मत कर मोहब्बत यहाँ —————————।।
झूठे हैं सब रिश्तें नातें, झूठी हैं ये सारी वफायें।
तुमने निभाई वफ़ा तो, तुमको मिली ये सजायें।।
अच्छा है इससे तो जीना अकेला, मत तू किसी पे एतबार कर।
मत कर मोहब्बत यहाँ —————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)