तू अगर हे बहुत ख़फ़ा मुझ से,,,
==========ग़ज़ल============
तू अगर है बहुत ख़फ़ा मुझ से!
कैसे रखता है राब्ता मुझ से!!
बस ज़बां से बताना मुश्किल था!
वो इशारों में कह गया मुझ से!!
भीग जाती हैं उस की आँखें अब!
जब भी होता है सामना मुझ से!!
जो पसे पुश्त ही डराता था!
है मुक़ाबिल तो डर गया मुझ से!!
दुश्मनों पर पड़ा है वक़्त अशफ़ाक़!
चाहते हैं सभी दुआ मुझ से!!
©अशफ़ाक़ रशीद…