तूफॉ मे कश्ती
न मॉझी न हमसफर न हक मे हवॉए
तूफॉ मे कश्ती बर्फीले सदाए
चाहतो के झोंके क्यू मुझको डराए
गजब है ये मंजर ..न राहे दिखाए
पाना नामुमकिन ..डर खोने का सताए
गजब की ये ऑधी क्यू मुझको रुलाए
अजब है ये इश्का क्यू बेबस बनाए
ख्यालों की मस्ती कहॉ लेके जाए
न तू है मेरी न मै हूं तेरा
फिर भी हर पल तेरा दीदार कराए
ख्वाबो ख्यालो मे दिलबर बनाए
धड़कन को छूकर तू मुसकराए
शामो सहर दिल पे पहरा बिठाए
न मालुम मुहब्बत क्या सौदा कराए
खोकर खुदी को तुझे पाना चाहे
रिश्ते रूहानी कहॉ लेके जाए
मंजर तूफानी क्यू बेबस बनाए
लकीरे नही संग मेरा निभाए
फिर भी किस्मत हमे क्यू हर पल मिलाए
जुदाई का आलम अब सहा भी न जाए
तूफॉ मे कश्ती कहॉ लेके जाए
मंजर तूफानी न राहे दिखाए..