तूफान आएगा अभी
****** तूफान आएगा अभी (ग़ज़ल) *******
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यूँ देख कर तुमको हसीं तूफान आएगा अभी,
ये चाँद सा मुखड़ा नशीं कर खास जाएगा अभी।
कब से खड़ा है ताक में झूले झुलाने वो तुझे,
आगोश में लेने तुझे कोई हार लाएगा अभी।
लब पर लगा है नाम तेरे का तराना सा सदा,
वो आशिकी में प्यार का गीत गाएगा अभी।
चढ़ती जवानी है भरी रस प्रेम में खुश्बू यहाँ,
वो भार जोबन का कहीं भी सह न पाएगा अभी।
हर रोज मनसीरत तुझे है देखता मदहोश हुआ,
मय सा नशा यौवन भरा मन देह छाएगा अभी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)