*तुष्टीकरण : पाँच दोहे*
तुष्टीकरण : पाँच दोहे
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(1)
तुष्टीकरण न कर सका ,प्रथकवाद का लोप
सबका साथ विकास दें ,चाहे जितना थोप
(2)
शब्द अल्पसंख्यक बना ,भारत में मधु-रोग
एक वर्ग तुष्टीकरण , इसका बस उपयोग
(3)
कश्मीरी पंडित हुए , बहुसंख्यक विख्यात
यह कैसा वर्गीकरण , यह अंधेरी रात
(4)
दर्जा पुनः द्वितीय है , आजादी के बाद
हुए अल्पसंख्यक प्रथम ,हिंदू किस को याद
(5)
मजहब के आधार पर ,जब तक हैं कानून
भेदभाव के तीक्ष्ण हैं ,तब तक सब नाखून
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 615451