तुषार गमों की पिघलनी चाहिए
***तुषार गमों की पिघलनी चाहिए ****
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जम गई है तुषार गमों की पिघलनी चाहिए
गरजे आसमां में है बिजली गिरनी चाहिए
१
नभ में उड़ते पंछी भू पर उतरने को आतुर
ज़मीन पर बारिश की बूँदे गिरनी चाहिए
२
इश्क बुरी बीमारी जिस तन लागे वही जाने
जिसको भी है लग जाए जान बचनी चाहिए
३
प्यार दिखाया नहीं बस जताया ही जाता है
प्रेम की जितनी भी हो मात्रा निभनी चाहिए
५
सुखविन्द्र प्रेम जाल का ताना बाना निराला
उलझने भरी राहों में से राहें दिखनी चाहिए
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)