तुलसी माँ के लिए
हर आँगन तुलसी लगी, तन-मन रखे निरोग।
फल-फूल और पत्तियाँ , सबका है उपयोग।।०१।।
जग जननी जन जानते,आँगन लिया सजाय।
घर की शोभा भी बढी, सारा घर महकाय।।०२।।
संस्कृत भाषा ने दिया,इसे हरिप्रिया नाम।
बनकर औषधि यह सदा , आती सबके काम।।०३।।
तुलसी इक औषधि सदा, यह रखना तुम ध्यान।
अब संरक्षण सब करो,नित इसका सम्मान ।।०४।।
:-प्रताप