तुलसी न होते तो न, होती लोकप्रिय कथा (घनाक्षरी)
तुलसी न होते तो न, होती लोकप्रिय कथा (घनाक्षरी)
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तुलसी न होते तो न, होती लोकप्रिय कथा
हनुमान जी के राम, तुलसी के नाम हैं
जीवनी प्रलोभनों से, लिखी नहीं तुलसी ने
तुलसी के निर्लोभी, हृदय में राम हैं
सरल सुबोध रची, प्रभु की महान छवि
जन-जन राममय, हुआ यह काम हैं
तुलसी न हुए कभी, तुलसी न होंगे कभी
कवियों में सिरमौर तुलसी प्रणाम हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451