*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे
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जब-जब कविता ने लिया, चौपाई का नाम
मतलब इसका एक है, तुलसी के प्रभु राम
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रामचरितमानस लिखा, लिखी कथा अभिराम
चौपाई के तुम शिखर, तुलसी तुम्हें प्रणाम
3
गीत-गजल सब रह गए, पीछे खड़े तमाम
चौपाई सज-धज चली, लेकर उर में राम
4
धन्य कलम वह जानिए, लिखती जो हरिनाम
वंदन सौ तुलसी तुम्हें, लिखा एक बस राम
5
चौपाई में भर गए, रामनाम की श्वास
कविकुलगुरु तुम धन्य हो, कविवर तुलसीदास
6
मानस में जीवंत हैं, संस्कृति के परिवेश
बीते वर्ष सहस्त्र पर, वही पुरातन देश
7
साड़ी पहने सिय चलीं, हाथों में जयमाल
दृश्य हजारों साल से, जीवित हैं हर साल
8
अंतर के सुख के लिए, गाते तुलसीदास
कलम लिए हैं हाथ में, मन श्री हरि के पास
9
तुलसी ने मानस लिखा, धन्यवाद सौ बार
रामकथा मंदाकिनी, करती बेड़ा पार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451