Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2024 · 1 min read

तुलसी के मानस में राम

ह्रदय के सुन्दरतम भूमि में
जिनके बुद्धि हुये महान
मेघ रूप वो साधु बनकर
बरसाये मंगल घट गान.
सुन्दर शीतल सुखदाई सम
मानसरोवर के वो नाम
मंगलकारी तुलसी जी के
मानस में रहते हैं राम.
जनहित के हर सूत्र पिरोकर
युग प्रश्नों का कर समाधान.
भक्ति साधना की अनुभूति से
निहाल होते हैं विवेकवान.
बहुरंगे कमलों का दल हो
वैसे दोहा छंद की पंक्ति
सुन्दर भाव अनुपम सी भाषा
जैसे पराग सुगंध की शक्ति.
बंधकर भी निर्बंध रहे जो
मोहपाश में कभी ना आये
कष्ट सहिष्णु परम भक्त वो
खल गण के भी उर में समाये.
निर्मल मन ही वह माली है
जिस पर ज्ञान का लगता फूल
भगवत्प्रेम के जल से सींचकर
कुटिल मन होते अनुकूल.
राम चरित को रचने वाले
उन चरणों में नमन अनेकों
मानस के सातों सीढी से
जीवन सार दिये हैं सबको.
भारती दास ✍️

Language: Hindi
79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bharti Das
View all
You may also like:
छठ पूजा
छठ पूजा
©️ दामिनी नारायण सिंह
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
कमियों पर
कमियों पर
रेवा राम बांधे
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
जीवन को नया
जीवन को नया
भरत कुमार सोलंकी
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
एक ख़त रूठी मोहब्बत के नाम
अजहर अली (An Explorer of Life)
चलना सिखाया आपने
चलना सिखाया आपने
लक्ष्मी सिंह
सावन
सावन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
आहिस्ता उतरते - उतरते,
आहिस्ता उतरते - उतरते,
ओसमणी साहू 'ओश'
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
जो मोंगरे के गजरों का शौकीन शख़्स हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
Imagine you're busy with your study and work but someone wai
पूर्वार्थ
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
shabina. Naaz
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
Shweta Soni
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़
parvez khan
भोग पिपासा बढ़ गई,
भोग पिपासा बढ़ गई,
sushil sarna
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Ravi Prakash
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
फ़ैसले का वक़्त
फ़ैसले का वक़्त
Shekhar Chandra Mitra
झूठो के बीच में मैं सच बोल बैठा
झूठो के बीच में मैं सच बोल बैठा
Ranjeet kumar patre
5) “पूनम का चाँद”
5) “पूनम का चाँद”
Sapna Arora
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
पर्व दशहरा आ गया
पर्व दशहरा आ गया
Dr Archana Gupta
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
Loading...