तुम
तुम
चंचल, सुकोमल
सुनयना, सुकुमार
कैसे बिताई रात मीठी नींद में
सपनों में रात
क्या देखा तुमने
कुछ याद भी रहा क्या
तुमको?
गहरी नींद का मधुर
कोई सपना
देखा क्या तुमने
रात भर कोई जगा
निहारता रहा बस
तुमको…. नींद में सोते
देखा करवटें बदलना तुम्हारा….
मुस्कराता लाज की लाली लिए
मुखड़ा तुम्हारा
कह रहा है बहुत कुछ
जो देखा होगा तुमने सपने में
हिमांशु Kulshrestha