तुम
तुम प्यार भरी अंखियां हो
तुम सौंदर्य का एक रस हो
मन की वीणा की सरगम हो
दिल में उठती एक उमंग हो
उम्र की दहलीज का एक कदम हो
नदी सी उमड़ती एक हलचल हो
विरह की दर्द युक्त तड़पन हो
मिलन का प्यार भरा उल्लास हो
मेघ की बेला की तुम लड़ी हो
भावनाओं का साकार रूप हो
एक सच्चा मित्र भी तुम हो
तुम मेरी कल्पना की गति हो
स्वप्न की प्यारी सी सुंदरी हो
जो केवल मेरे लिए बनी हो
प्रकृति की सुंदरता से भरी हो
जागी आंखों का सपना हो
‘अंजुम’ रोम रोम की तुम आवाज हो
हृदय की प्यारी कंपन हो
उम्र की साधना की तस्वीर हो
आखिर तुम मेरी सब कुछ हो….
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोबाइल-9927140483