तुम
तुम
तुम ना होकर भी
मेरे जीवन में हो।
उसी तरह
जैसे फूलों में खुशबू,
जैसे सागर में मोती,
नदिया में लहरें,
हवाओं में ठंडक,
अग्नि में तपन,
तुम हो श्वास-श्वास में,
तुम हो मेरे प्राण,
तुम हृदय की धड़कन में,
मेरी जिजीविशा बनकर,
मेरी प्रेरणा,
मेरी शक्ति,
वास्तव में तुम ना होकर भी,
मेरे लिए बहुत कुछ हो।
तुम्हारे बिना मेरे वजूद की
कल्पना भी नहीं की जा सकती।
तुम मेरा जीवन हो।
अभी के लिए इतना कहना ही
प्रयाप्त होगा ।