तुम ही माँ लक्ष्मी-सरस्वती
सारे जगत का माँ तुम सार हो
समस्त शिक्षा का आधार हो
ईश्वर को बोलो किसने है देखा
तुम ही तो ईश्वर साकार हो
नेत्रों में रखती पुनीत वात्सल्य
चाहे लगाती गालों पर मार हो
तुम ही माँ लक्ष्मी-सरस्वती
तुम ही माँ शेर पर सवार हो
जीवन में मेरी है कामना यही
संग माँ का निरंतर प्यार हो॥
डा0 अशोक कालरा
मेरठ