तुम सुन पाओगे क्या
मैं कोई नगमा गा रहा हूं तुम सुन पाओगे क्या,
मेरे पास बैठ कर तुम भी गुनगुनाओगे क्या।
लिखा है मैने प्रेम का राग,
सबको सुना सकता नहीं, तुम सुनने आओगे क्या।।
मेरा दिल तड़फ रहा है तुम्हारी याद में,
पास आकर सीने से लगाओगे क्या।
साथ बैठ वादियों की शाम में
मेरे साथ गुनगुनाओगे क्या,
मैनें लिखा है प्रेम का राग, तुम सुनने आओगे क्या।।
– कृष्ण सिंह