*तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान (गीत)*
तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान (गीत)
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तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान
1)
तुमने हमें अहिंसा के, पथ का दर्शन सिखलाया
सब जीवों में एक आत्म, तुमने ही यह बतलाया
एक प्राण बसते हैं सब में, पशु हो या इंसान
2)
तुमने निर्धन और धनी, जग में यह भेद मिटाया
एक रुपइया एक ईंट, इससे सम जगत् बनाया
अग्रोहा में इसीलिए थे, सब जन एक समान
3)
गोत्र अठारह निर्मित हो, हम अग्रवाल कहलाए
भेदभाव के तुच्छ सभी, तुम ही ने दंश मिटाए
अंतर्गोत्र विवाह तुम्हारा, अनुपम कार्य महान
तुम राजा हम प्रजा तुम्हारी, अग्रसेन भगवान
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451