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4 Apr 2023 · 1 min read

तुम याद आ रहे हो।

आज फिर बड़ी शिद्दत से तुम याद आ रहे हो।
दूर होके भी देखो तुम हमको कितना रूला रहे हो।।1।।

दिल बेचैन है हमारा और तुम मुस्कुरा रहे हो।
जानें कैसा रिश्ता इश्क का तुम हमसे निभा रहे हो।।2।।

क्या अहसास है तुम्हें तुम हमको भुला रहे हो।
ये कैसे बताए तुमको कि तुम कितना सता रहे हो।।3।।

मेरी हर इक बरबादी का तुम जश्न मना रहे हो।
सुना है हर शाम तुम घर पर महफिल सजा रहे हो।।4।।

करके बेवफाई तुम हमको वफा सिखा रहे हो।
आशिकी का हर इल्जाम तुम हम पर लगा रहे हो।।5।।

चलो मानते है ये सब सच जो तुम बता रहे हो।
फिर मिलने पर तुम क्यूं हमसे नजरें छूपा रहे हो।।6।।

मेरे दुश्मनों से मिलके तुम हमको जला रहे हो।
तुमको ना मालूम है कि तुम खुद को मिटा रहे हो।।7।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 1 Comment · 213 Views
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