तुम याद आए
बस
यूॅं ही
तुम याद आए!
और याद आए
बेसाख़्ता खिलखिलाते लम्हें
अभिभूत करते सपने!
छू गईं
मन का कोना..
पुचकारती संभावनाऍं
कुछ ठहरी हुई मन्नतें!
चुपचाप..
साथ निभाता मिला
उजास से भरा
वो मिलने को आतुर ..
एकाकी
अमलतास!
और
बाट जोहती रही
मौसम की हर सांस!
रश्मि लहर