Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2019 · 1 min read

तुम मेरे आने की आहट..

तुम मेरे आने की आहट, कैसे महसूस करते हो ।
मैं गर कभी भूल भी जाऊँ तो, फ़िर भी तुम याद करते हो ।।

तुम मेरे आने की आहट….

कहकशाँ सुन रखा हमने, मोहब्बत का जुबानों से ।
तुम मेरे हो गए अपने, अपने जब लगे बेगानों से ।।
बेइंतहा प्यार करता था …खुले दिल से सदा उनकों..2
राह बीच आप यूँ मुझको, अकेला क्यूँ छोड़ जाते हो ।

तुम मेरे आने की आहट……

ख़्याल-ए-ख़्वाब जब भी मन में, जब कभी उनका आता है ।
मेरा दिल फ़िर उन्हीं पल को, क्यों अक्सर याद करता है ।।
बेवफ़ा हम कभी न थे…यक़ीन उनको दिलाऊँ कैसे…2
प्यार मैं अब भी करता हूँ, क्यूँ तुम इनकार करते हो ।

तुम मेरे आने की आहट…..

आर एस बौद्ध “आघात”
अलीगढ़

3 Likes · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Happy Sunday
Happy Sunday
*प्रणय*
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
Kanchan Alok Malu
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
REVATI RAMAN PANDEY
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
यदि समुद्र का पानी खारा न होता।
Rj Anand Prajapati
दोपाया
दोपाया
Sanjay ' शून्य'
मतदान करो और देश गढ़ों!
मतदान करो और देश गढ़ों!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
*असीमित सिंधु है लेकिन, भरा जल से बहुत खारा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
विचार
विचार
Shriyansh Gupta
गीतासार 📕
गीतासार 📕
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
वो जो मुझको रुलाए बैठा है
काजू निषाद
जय माँ शैलपुत्री
जय माँ शैलपुत्री
©️ दामिनी नारायण सिंह
4212💐 *पूर्णिका* 💐
4212💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
दिल तेरी राहों के
दिल तेरी राहों के
Dr fauzia Naseem shad
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
फ़िक्र
फ़िक्र
Shyam Sundar Subramanian
नसीहत वो सत्य है, जिसे
नसीहत वो सत्य है, जिसे
Ranjeet kumar patre
जो बालक मातृभाषा को  सही से सीख  लेते हैं ! वही अपने समाजों
जो बालक मातृभाषा को सही से सीख लेते हैं ! वही अपने समाजों
DrLakshman Jha Parimal
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
*शिवरात्रि*
*शिवरात्रि*
Dr. Priya Gupta
कोई  दर्द  दे  गया  ,कोई  अँदलीब दे गया  ,
कोई दर्द दे गया ,कोई अँदलीब दे गया ,
Neelofar Khan
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
"पसीने का समीकरण"
Dr. Kishan tandon kranti
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सफाई इस तरह कुछ मुझसे दिए जा रहे हो।
सफाई इस तरह कुछ मुझसे दिए जा रहे हो।
Manoj Mahato
Loading...