Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 1 min read

तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना

तुम मुझे मेरा गिफ़्ट ये देना…..
वैलेंटाइन डे पर
तुम मुझे बस एक ही गिफ्ट दे देना..💐💐💐💐💐💐
🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
मुझे एक रोज़ न देकर ,
मुझे रोज मुस्कराने की वजह दे देना…☺️☺️☺️☺️☺️
इस वैलेंटाइन डे पर
तुम मुझे बस एक ही गिफ्ट दे देना💐💐💐💐💐
मुझे टेड्डी बेयर न देकर ,
बस खुद और अपने बच्चों की
नज़रों में कभी भी गिरने न देना💐💐💐💐
हग डे पर ,अपनी बाहों में भर लेना
जब मेरा हाथ कापने लगे ,तब हाथो में हाथ ले लेना….💐💐💐
चॉकलेट डे पर अपनी मीठी मुस्कान से मेरा मन
जीत लेना💐💐💐
इस वैलंटाइन डे पर कुछ इस तरह का गिफ्ट मुझे दे देना💐💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂

Language: Hindi
169 Views

You may also like these posts

आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
Rj Anand Prajapati
તે છે સફળતા
તે છે સફળતા
Otteri Selvakumar
मदिरा
मदिरा
Shekhar Deshmukh
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
प्रेमी से बिछोह का अर्थ ये नहीं होता कि,उससे जो प्रेम हैं
पूर्वार्थ
"इंसानियत"
Dr. Kishan tandon kranti
एक उदास चेहरा जितनी नकारात्मकता फैलाता है...
एक उदास चेहरा जितनी नकारात्मकता फैलाता है...
Ajit Kumar "Karn"
सबूत- ए- इश्क़
सबूत- ए- इश्क़
राहुल रायकवार जज़्बाती
मां
मां
Dheerja Sharma
हिंदी दोहे विषय- मंगल
हिंदी दोहे विषय- मंगल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समय की बात है
समय की बात है
Atul "Krishn"
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चढ़ता सूरज ढलते देखा,
चढ़ता सूरज ढलते देखा,
Satish Srijan
लिख देती है कवि की कलम
लिख देती है कवि की कलम
Seema gupta,Alwar
शीत की शब में .....
शीत की शब में .....
sushil sarna
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सैनिक का प्रयाण
सैनिक का प्रयाण
Deepesh Dwivedi
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*प्रणय*
4202💐 *पूर्णिका* 💐
4202💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भोर के ओस!
भोर के ओस!
कविता झा ‘गीत’
जब पहली बार
जब पहली बार
हिमांशु Kulshrestha
राम नाम की गूंज से
राम नाम की गूंज से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
ख़ास तो बहुत थे हम भी उसके लिए...
Dr Manju Saini
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
दरअसल बिहार की तमाम ट्रेनें पलायन एक्सप्रेस हैं। यह ट्रेनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
उजाले
उजाले
Karuna Bhalla
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
दिल खुश हो तो सब अच्छा लगता है.......
shabina. Naaz
Loading...