तुम महादेब की गौरी हुई हो…?
छोटी-छोटी नन्हीं परियां हो तुम
तुम महादेब की गौरी हुई हो…?
छोड़ो, दुर्गा-काली बन जाओ…
सब दुष्टों पे अकेले ही भारी पर जाओ…
गौरी सीता होकर क्या कर लोगी…?
कब तक दुष्टों से बच लोगी…?
इस सावन चंडी ही हो जाओ…
अपनी और माँ जाई जैसी बहनों के लिए
तुम महादेब की तीसरी आँख ही बन जाओ
…सिद्धार्थ