तुम बिन जीना मुश्किल…
तुम बिना जीना मुश्किल है…!
तुम जो खामोश तो दुनिया वीरान हैं..!!
तुझसे मेरी शांशो की डोर हैं…!
जीना है नामुमकिन अगर तू नाराज हैं…!!
तेरी चुपकी मेरी जान पर बन जाती है…!
कापता है ये बदन दिल बैठा जाता है…!!
आँखों की बोली में शब्द ‘खो’ जाता है…!
सुकि रेत की भांति अश्रु सुक जाता है…!!
जुबा भारी और मन व्याकुल सा होता है…!!
जैसे मैं, मैं नहीं तुम में,
बस्ती हुई प्यार की कश्ती है…!
रूठा ना करो ‘मेरी जान’,
तुम में सिमटी मेरी जिंदगी हैं…!!!