तुम बच्चे हो
तुम बच्चे हो
तुम कल भी मेरे सामने बच्चे थे
तुम आज भी मेरे सामने बच्चे हो
नादानियों के तुम पुतले हो
तुम कल भी कठपुतलियां थे
तुम आज भी कठपुतलियां ही हो।
कभी बगुले हो कभी तितलियाँ हो
तुम कल भी धूर्त शिखंडी थे
तुम आज भी वही पाखंडी हो
हैवानियत के तुम मतले हो
तुम कल भी मेरा कुछ सवार न सके
तुम आज भी मेरा कुछ बिगाड़ सा सके।
तुम शून्य थे तुम शून्य हो
तुम कल भी मेरे सामने बच्चे थे
तुम आज भी मेरे सामने बच्चे हो
नादानियों के तुम पुतले हो
तनहा शायर हूँ