तुम फिर आना
तुम फिर आना
आना फिर तुम नए गीत लिए तुम फिर आना
देखा तुमने आज फिर एक साल बीत रहा है
बीते साल के बाद नया साल लिए तुम फिर आना
एक नया एक अलग सवेरा लिए तुम फिर आना
फागुन में हँसता हुआ कचनार लिए तुम फिर आना
इस रात के बाद एक नई सुबह लिए तुम फिर आना
अब हरे –भरे रंगों का मौसम लिए तुम फिर आना
हर एक आँगन में सुनहरी धूप लिए तुम फिर आना
एक साल बीत रहा है नया साल लिए तुम फिर आना
बदलते मौसम में रिमझिम बरसात लिए तुम फिर आना
हर उदास चेहरे पर मुस्कुराहट लिए तुम फिर आना
हवा में मदमस्त पक्षियों के गीत लिए तुम फिर आना
एक साल बीत रहा है नया साल लिए तुम फिर आना
अब हर आँखों में एक नया सपना लिए तुम फिर आना
किसी के सूने आँगन में किलकारी लिए तुम फिर आना
किसानों के खेतों में नई हरियाली लिए तुम फिर आना
एक साल बीत रहा है नया साल लिए तुम फिर आना
एक नया अनुभव नई उम्मीद लिए तुम फिर आना
उजड़ी हुई बगिया में नई फुलवारी लिए तुम फिर आना
हर दिल में प्रकाश की नई किरण लिए तुम फिर आना
हर एक रिश्तों में नई गहराई लिए तुम फिर आना
एक साल बीत रहा है नया साल लिए तुम फिर आना
तुम फिर आना
सोनी गुप्ता
कालकाजी नई दिल्ली -19