तुम पास आ गई हो,दिल को चैन आ गया है –आर के रस्तोगी
तुम पास आ गई हो,दिल को चैन आ गया है
पुरानी यादो का मुझे,आज ध्यान आ गया है
छोड़ना ना मुझे तुम,कहीं जाना न अब तुम
आखरी मोड़ पर मिले,साथ निभाना अब तुम
बड़ी मुद्दतों के बाद,ऊपर वाला मेहरबा हो गया है
तुम पास आ गई हो,दिल को अब चैन आ गया है
कहाँ चली गई थी तुम,क्यों छोड़ गई थी तुम
क्या खता हो गई मुझसे,जो रूठ गई थी तुम
मुझे मनाना आ गया,तुम को बहलाना आ गया है
पुरानी बातो को अब दोनों को भुलाना आ गया है
तुम पास आ गई हो,दिल को चैन आ गया है
पुरानी यादो का मुझे,आज ध्यान आ गया है
तुम आ गई हो,बहारो में नूर आ गया है
जिन्दगी काटने का एक सहारा आ गया है
कसम खाओ अब छोड़ कर न जाओगी तुम
दो चार दिन की जिन्दगी है निभाओगी तुम
तुम आ गयी हो,जिन्दगी का सहारा आ गया है
तुम पास आ गई हो,दिल को करार आ गया है
जवानी चली गई है,बुढ़ापा आ गया है
जिन्दगी का आखरी दौर आ गया है
उम्र नहीं लड़ने की मनाने का समय आ गया है
सूरज छिप चुका है जाने का समय आ गया है
तुम मिल गयी हो,जिन्दगी का लुत्फ़ आ गया है
तुम पास आ गयी हो,दिल को चैन आ गया है
आर के रस्तोगी