तुम नौजवान या बुढ़े हो।
तुम नौजवान या बुढ़े हो,
ये तो समय ही बताएगा।
गिरे पड़े या तने खड़े हो,
ये तो समय ही बताएगा।
तुम नौजवान या . . . . . .
जनता के साथी बने हो,
या गद्दारों के हमराही।
जन आंदोलन जन युद्ध के,
कामरेड हो या फिर सिपाही।
तुम अमृत या विष भरे हो,
ये तो जन संघर्ष ही बताएगा
तुम नौजवान या . . . . . .
लक्ष्य तुम्हारा मालूम है,
या फिर हो तुम अंजान।
आखरी सांस तक लड़ोगे,
या फिर छोड़ोगे मैदान।
तुम जिन्दा या मरे पड़े हो,
ये तो जन युद्ध ही बताएगा।
तुम नौजवान या . . . . . .
ध्वज उठाकर चलते हो,
या मुंह छिपाए छिपते हो।
कफन बांधकर चलते हो,
या पैरों में जाकर गिरते हों।
तुम निडर या कायर हो,
ये तो न्याय युद्ध ही बताएगा।
तुम नौजवान या. . . . . .
जो शोषण दमन को सहते हैं,
वही तो असली वृद्ध हैं।
जो शोषक मांस नोचकर खाते हैं,
वही तो सत्ता के गिद्ध हैं।
तुम बिकते या जीतते हो,
ये तो जन आंदोलन ही बताएगा।
तुम नौजवान या . . . . . .