तुम तो हो जाते हो नाराज
तुम तो हो जाते हो नाराज, कुछ कहते ही तुमसे।
क्या करें ऐसे में अब हम, कोई भी बात तुमसे।।
तुम तो हो जाते हो नाराज—————-।।
तुमको अच्छा नहीं लगता, करीब हम हो तुम्हारे।
दिल दुःखी नहीं हो तुम्हारा, दूर रहते हैं तुमसे।।
तुम तो हो जाते हो नाराज—————।।
हम तो यही चाहते हैं, तुम भी हम जैसे सुखी हो।
क्या मिलेगा यदि कह दे, हम यह सच भी तुमसे।।
तुम तो हो जाते हो नाराज—————।।
सहन नहीं होता तुमसे, अगर हम खुलकर हंस दे।
मालूम नहीं कितनी मिलेगी, हमको बददुहायें तुमसे।।
तुम तो हो जाते हो नाराज—————–।।
करें क्या तारीफ तुम्हारी, कैसे तुम्हें दिल से लगायें।
कैसे तुम पर करें यकीन, हाथ कैसे मिलाये तुमसे।।
तुम तो हो जाते हो नाराज—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)