तुम तक
मेरा अक्स तुम से, मेरा साया तुम से,
हर राह चले, हर मोड़ चले
बस इक ओर, तुम्हारी ओर
ना अब कोई ख्वाहिस ना कोई जुस्तजू
बस इक इंतजार है, हाँ इकरार है,
आँखों में इक बार देख लो,
तुम्हारा ही तो संसार हैं, इन आँखों
मे, जब जब तुम्हें देखुं, ना तो ये दिल
बरकरार सा रहता है,
अजब सा मंजर है, खामोशी का भी
तुम्हें याद करती हुँ, तो ये भी
बहुत प्यारी लगती हैं, लगता है
जैसे इस खामोशी में खोयी रही,
जहाँ बस तुम ही तुम नजर आये मुझे।।।।
।।।।।।तुम्हारी और बस तुम्हारी।।।।।।।।
प्रमिला चौधरी ???