तुम जो आये..
आज अचानक
तुम सामने आए तो
कहने को कुछ बाकी ना रहा
बस यूँ ही देखते रहे तुम्हें
टकटकी लगा कर, और..
वक़्त यूँ ही बीतता रहा
सोचा मैंने,
तुम्हें भर लूं आँखों में
क्या ख़बर,
फिर मिले ना मिले कभी
फ़िर, नजरों से
तुम्हें दिल में भरता रहा
दर्द था जो बस उभरता रहा
हिमांशु Kulshreshtha