तुम जुनून हो
#दिनांक:-27/6/2024
#शीर्षक:-तुम जुनून हो।
हाँ सच कहाँ था उसने….
नाम राज है तुमने सुना ही होगा ,
पर एक ऐसा राज हूँ,
जो बता ना पाओगे यदि किसी से,
तो छुपा भी ना पाओगे खुद से,
अंदर के अंदाज से अंदाजा लगा लेंगे,
ये दुनिया वाले बहुत चालाक हैं,
दिल की धड़कन का रहस्य बता देंगे,
कितनी भी दूर रहो मुझसे,
यार तेरा पता लगा लेगें,
पर, बेखौफ रहना तुम,
हम सपनों में रहेंगे,
हकीकत में नजर ना आएंगे।
गाना गाऊंगा तेरे दिल में तेरे लिए,
तुम झूमोगी पर समझ न पाओगी ।
तुम जितना भूलाना चाहोगी,
हम उतने पास नजर आएंगे।
उफ्फ…….
सचमुच हर बात, बार-बार दोहरा रहा,
दूरी में भी बिल्कुल नजदीक नजर आ रहा,
बन्द आँखों में रहता अप्रतिम रस जैसा,
दिल पहना हो चमकीला पत्थर पारस जैसा
मैं मिलती हर घड़ी गंगा-जमुना संगम जैसी,
न मीरा, न राधा, अपने में मस्त मगन जैसी।
रोज भूलती हूँ याद को, याद कर- करके,
याद उतना आता अजीज याद भर-भरके,
महसूस होता मैं हार गई वो हो गया विजेंद्र,
सब कुछ खत्म हुआ पर वो बनाए रखा है केन्द्र।
हाँ सच में बहुत नाचती झूम जाती हूँ मैं,
ज्वार-भाटा-सा आता जाता तेरा मय,
हाँ मान गई हूँ तुम मेरे चैन-ए-सुकून हो,
तुम मेरी जिन्दगी, प्यार, मेरा जुनून हो ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई