तुम ग़ज़ल शायरी //ग़ज़ल //
तुम सुबह शाम की ईबादत हो
मेरी पहली,आखिरी मोहब्बत हो
कोई नहीं जहां में यारा तुम सा
सच में तुम इतनी खूबसूरत हो
तुम्हें पाके क्या माँगू क्या चाहूँ
तुम मेरा साया,रब की मूरत हो
तुम हो तो मैं हूँ,तुम नहीं तो मैं नहीं
तुम मेरी जाँ तुम मेरी अमानत हो
तुमसे ही पहचान तुमसे ही मेरी दुनिया
तुम ग़ज़ल,शायरी दिल की जरूरत हो
कवि:-दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”