तुम कहना और मैं सुनूंगा।
हो दिल में जो बात कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा,
हो बताना जो राज़ कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा,
हो करनी जो शिकायत कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा,
हो देनी जो हिदायत कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा,
हो देनी जो दुआ कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा,
हो छुपी जो सदा कोई,
तुम कहना और मैं सुनूंगा।
कवि-अंबर श्रीवास्तव।
सदा- आवाज़